नदियों के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा,भूजल स्तर भी गिरा ,अवैध तरीके से की जा रही है नदियों से रेत का उत्खनन व परिवहन ठेकेदारों के दबंगई के आगे प्रशासन भी हुआ नतमस्तक

सूरजपुर : नदियों का सीना छलनी कर अवैध तरीके से निकाले जा रहे रेत से नदियों के अस्तित्व पर खतरा तो मंडरा ही रहा है साथ ही क्षेत्र में भूजल स्तर भी लगातार गिरते जा रहा है और इधर प्रशासन है कि रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाय मूक दर्शक बना हुआ है,शायद रेत माफियों की पहुंच ऊंची होने के कारण इन पर कार्रवाई करने से प्रशासन के भी हाथ-पांव फुल रहे हैं जिम्मेदार खनिज विभाग तो ऐसा लगता है मानो खुद रेत माफियाओं से सांठगांठ कर ऐसे अवैध धंधों को बढ़ावा दे रहा हैं।

जिले में जीवनदायिनी रेण नदी व गोबरी नदी में कई ऐसी रेत खदान है जहां अवैध तरीके से रेत निकाला जा रहा है। सरकार ने तो इस वर्ष रेत खदानों को ठेका में दे दिया है और ठेकेदार भी ज्यादातर सत्ता पक्ष के पहुंच वाले ही हैं ऐसे में इनको मनमानी करने से किसी का डर भय भी नहीं है। को ताक पर रखकर दिन में ही नहीं रात में भी रेत का उत्खनन व परिवहन किया जा रहा है।ऐसे रेत खदानों में कुरुवां, कोरेया, रतनपुर, कांसापारा, जयनगर ,गोबरी राजापुर ,कांतीपुर, सत्तीपारा, खडगवा कला, बंशीपुर, हर्राटिकरा, कदरंई, कसकेला, समौली, खोपा, रेवटी,नमनाकला,सलका,बकालो,
कांतीपुर, पम्पापुर, लखनपुर समौली सेमरा अन्य घाटो में नदी से रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन धड़ल्ले से जारी है

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